रुद्रनाथ मंदिर 2286 मीटर कि ऊंचाई पर रुद्रनाथ में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दुओं में एक खास धार्मिक महत्व रखता है। मंदिर में भगवान शिव कि पूजा नीलकंठ महादेव के रूप में की जाती है। कहानी के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद पांडव हिमालय आये थे, पांडव भगवान् शिव से अपने पाप के लिए क्षमा चाहते थे क्यूँ कि वे महाभारत के युद्ध में कोरवों को मारने के दोषी थे, पर भगवान् शिव उनसे मिलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने आप को नंदी बैल के रूप में बदल लिया और गडवाल क्षेत्र में कहीं छिप गए।इसके तुरंत बाद भगवान शिव का शरीर चार अलग अलग भागों में विभाजित हो गया जिन्हें पंच केदार के रूप में जाना जाता है। जहाँ भगवान शिव का सिर पाया गया वहां पर रुद्रनाथ मंदिर बना है। यात्री सागर गाँव और जोशीमठ द्वारा ट्रेकिंग मार्ग द्वारा भी मंदिर तक पहुँच सकते हैं। जोशीमठ से यह रास्ता 45 किमी लम्बा है। मंदिर हाथी पर्वत, नंदा देवी, नंदा घुंटी ,त्रिशूल आदि चोटियों का मंत्रमुग्ध करने वाला द्रश्य प्रदान करता है। सूर्य कुंड, चन्द्र कुंड, तार कुंड और मानकुंड आदि पवित्र कुंड मंदिर के पास ही स्थित हैं।Uttarakhand chardham, uttarakhand chardham yatra, uttarakhand cahrdham yatra packages.
Friday, 18 December 2015
Rudranath Tour - Rudranath Yatra - Rudranath Trekking
रुद्रनाथ मंदिर 2286 मीटर कि ऊंचाई पर रुद्रनाथ में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दुओं में एक खास धार्मिक महत्व रखता है। मंदिर में भगवान शिव कि पूजा नीलकंठ महादेव के रूप में की जाती है। कहानी के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद पांडव हिमालय आये थे, पांडव भगवान् शिव से अपने पाप के लिए क्षमा चाहते थे क्यूँ कि वे महाभारत के युद्ध में कोरवों को मारने के दोषी थे, पर भगवान् शिव उनसे मिलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने अपने आप को नंदी बैल के रूप में बदल लिया और गडवाल क्षेत्र में कहीं छिप गए।इसके तुरंत बाद भगवान शिव का शरीर चार अलग अलग भागों में विभाजित हो गया जिन्हें पंच केदार के रूप में जाना जाता है। जहाँ भगवान शिव का सिर पाया गया वहां पर रुद्रनाथ मंदिर बना है। यात्री सागर गाँव और जोशीमठ द्वारा ट्रेकिंग मार्ग द्वारा भी मंदिर तक पहुँच सकते हैं। जोशीमठ से यह रास्ता 45 किमी लम्बा है। मंदिर हाथी पर्वत, नंदा देवी, नंदा घुंटी ,त्रिशूल आदि चोटियों का मंत्रमुग्ध करने वाला द्रश्य प्रदान करता है। सूर्य कुंड, चन्द्र कुंड, तार कुंड और मानकुंड आदि पवित्र कुंड मंदिर के पास ही स्थित हैं।
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